माँ पे बनी कविताएँ

माँ माँ क्या है हमारे माता-पिता मेरी माँ Other Post :- तू जो रो दी गले से लग के   देशभक्ति सायरी   प्यार का अनोखा रं...
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बारिश की गुस्ताखिया

ये बारिश कितना खुदगर्ज निकला जब -जब मिलना हुआ तब - तब बरसा न जाने क्यों यैसी सजिसे किया करता है  उससे न मिल पाउ यही कोशिस कि...
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Lovers Poems

यू तो मै सायर ना था पर तुम्हे देख कर सायरी लिखने की आदत पड़ गयी प्यार के अफशाने कई बार सुधरने कि कोशिस कि है यैसी जिंदगानी मै ए...
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यैसी जिंदगानी

चल पड़ा हु अनजान राहो पे, पर मंजिल का पता नहीं लोग भी अब हँस रहे है, मेरे इन राहो पे पर जानता हु, क्यों हंस रहे है लोग। वो तो हसे...
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हमारे शहीद जवान

सैकड़ों नदियों को पीकर कश्तियाँ तक खा गए, गाँव गलियां सब पचाकर बस्तियां तक खा गए, वो वतन कि भूख कैसे मिटायेंगे भला, जो शहीदों क...
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Truth of Life

किसी ने क्या खूब कहा है साहेब... "मकानों से जो इंसानों की अज़मत को परखतें हैं, नदी के पास बैठे लोग पानी को तरस्तें हैं.. ...
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प्यार के अफशाने

काश बता दिया होता कि कितना प्यार है हमसे !  हम तो नदान थे  समझ न सके खामोशियो कि भाषा,  अगर पढ़ सकता तुम्हारे इन जज्बातो को,  त...
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मोदी' न लिखूं तो क्या लिखूं

मोदी' न लिखूं तो क्या लिखूं.....?  अब आप ही बता दो मैं इस जलती कलम से क्या लिखूं ?? कोयले की खान लिखूं..या मनमोहन बेईमान लिखूं ...
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कई बार सुधरने कि कोशिस कि है

कई बार सुधरने कि कोशिस कि है पर न जाने क्यों हर बार इस जवाने ने हमे बिगाड़ने कि साजिश कि है !! इस जवाने से हमें ज्यादा कुछ चाहत ...
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