माँ

कब्र के आगोश में जब थक कर सो जाती है माँ , तब जाकर थोडा सुकूं पाती है माँ ! फ़िक्र से बच्चो की कुछ यैसे घुल जाती है माँ , नौजवा होते...
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भारतीय संस्कृति

भारतीय जब संस्कार भुलाते हैं तो WESTERN हो जाते हैं, जाने क्यूँ अच्छाई छोड फूहड्पन अपनाते हैं, जानवरों का चमडा और फटी JEANS पहन इतरात...
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भारतीय जनतंत्र

कैसा हो गया यह जनतंत्र, कहा गये जन, कैसे अलग हो गया यह तंत्र, बदल गयी सारी परिभाषाए , अमीरों के हाथ में अब यह तंत्र है ! इस जन तंत...
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बेटिया

ओस की बूंद सी होती है, बेटिया ! खुरदुरा हो स्पर्श तो रोती है, बेटिया !! रौशन करेगा बेटा बस एक बंश को ! दो -दो कुलो की लाज ढोती ...
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जीवन का सत्य

जन्म से लेकर मृत्यु तक का सफर ही जीवन है ! बचपन ,जवानी और बृद्धाअवस्था ही जीवन के तीन पड़ाव है , जैसे कि एक पौधे में फुल,फल और पत्तिय...
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स्वागतम नववर्ष संवत २०७०

शिमला। हिंदी माह के हिसाब से विक्रमी संवत 2070, 11 अप्रैल को आरंभ हो रहा है। यह वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आर...
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21वी सदी

21वी सदी के बच्चे अकल के न होगे कच्चे ,          बडो को ठेंगा दिखाये येसे है ये बच्चे ! 21वी सदी की नारी मर्दों पर भारी ,          प...
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अपनी उम्मीद इनसे जगाना

सीखो इस जमाने से क्या सिखाता है जमाना  किसी से उम्मीद रखना पर खुद को छोटा न बनाना  अगर मुँह मोड़ ले कोई अपना तो , खुद के तरीको...
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