शायरी

जिनकी खातिर जीने के सारे वसूल ही बदल दिए ! वो आज हमें जीने का तरीका सिखा रहे है ! कसमे तो खायी थी साथ चलने को ! पर न जाने क्यों ...
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सायरी

हर रोज बैठा रहा उसी घाट पे तेरे इंतजार में ! और तुम कहती हो कि तुम मुझे याद करना भूल गये !! ओ मे...
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शायरी

बस चाहत यही है की हम जी ले जी भर के  पर कम्बख्त साथ चलने वाला जो कोई न था !!!!
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शायरी

अगर मै जानता वो वेवफा निकलेगी ! तो मै इस कदर उसके लिए दीवाना न हुआ होता !! बस चाहत यही है की हम जी ले जी भर के  पर...
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काश सचमुच हो पाता

मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है , चोरों के संग पहरेदार नज़र आते है ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ , रोशनी के दुश्मन...
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