पढो तो एसे पढो भाग - 1



1- आपके दिमाग (मस्तिष्क ) में यह बात बिलकुल स्पष्ट होनी चाहिए कि आप अमुक पुस्तक पढ़ क्यों रहे है!

2- ज्ञान का व्यवस्थित रूप ही विज्ञान है ! वैदिक ग्रंथो में विज्ञानं को व्यवहारिक ज्ञान (applied knowledge)        कहा जाता है !

3 - मस्तिष्क तो एक विलक्षण computer है ! यह कंप्यूटरो का computer है इसलिए अध्ययन को "विज्ञानों का विज्ञान " कहा गया है !

4 - जब किसी काम को करने का नियम तो एक होता है, लेकिन उसके करने का ढंग कई हो जाते है तो वह प्रक्रिया कला बन जाती है !

5 - हमारा कोई भी वह काम, जिसमे हमारा मस्तिष्क शामिल है, एक प्रकार से हमारे अध्यन की गतिविधि बन जाती है !

6 - सकारात्मक मनोभाव अध्ययन के लिए खाद का काम करते है !

7 - हमे कितनी भी नींद क्यों न आ रही हो, लेकिन जितनी गहरी नींद में हम रात में सो सकते है उतना दिन में नही !

8 - शरीर व मस्तिष्क की भोर में मौजूदा क्षमता का अधिकतम उपयोग विद्द्यार्थियो को कर लेना चाहिए !

9 - एकाग्रता में अदभुत शक्ति होती है और भोर का समय हमे बाहरी रूप से एक एसा वातावरण प्रदान करता है, जिससे एकाग्रता की सबसे अधिक सम्भावना रहती है !

10 - भोर के दो घंटे शेष किसी भी समय के तीन घंटे के बराबर बैठते है !

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"जय हिन्द जय भारत'' 
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